
Highlights:
- ₹20 लाख की जगह अब ₹30 लाख तक होगा वन-टाइम टैक्स का कैप
- ₹20 लाख से महंगी कारों पर कम से कम ₹10 लाख तक बढ़ेगा टैक्स
- CNG/LNG वाहनों और गुड्स कैरियर्स पर भी बढ़ेगा खर्च
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर अभी भी टैक्स में छूट जारी
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की वाहन टैक्स पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है, जिससे लग्ज़री कारों, CNG/LNG गाड़ियों और कमर्शियल वाहनों की कीमतों में भारी उछाल आने वाला है। अब राज्य में एकमुश्त टैक्स (One-Time Vehicle Tax) का अधिकतम कैप ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख कर दिया गया है। यह नई पॉलिसी मंगलवार से लागू हो गई है।
क्या है नया नियम?
अब जिन कारों की एक्स-शोरूम कीमत ₹20 लाख से ज़्यादा होगी, उन पर पहले से ₹10 लाख या उससे ज़्यादा का अतिरिक्त टैक्स लगेगा। RTO अधिकारियों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने नाम ₹1.33 करोड़ की डीजल कार या ₹1.54 करोड़ की पेट्रोल कार रजिस्टर कराता है, तो उसे अब ₹20 लाख से ज्यादा वन-टाइम टैक्स देना होगा।
टैक्स स्लैब ऐसे बदले:
ईंधन का प्रकार | कीमत (₹ में) | नया टैक्स रेट |
---|---|---|
पेट्रोल | 10 लाख से कम | 11% |
पेट्रोल | 10–20 लाख के बीच | 12% |
पेट्रोल | 20 लाख से ऊपर | 13% |
डीजल | 10 लाख से कम | 13% |
डीजल | 10–20 लाख के बीच | 14% |
डीजल | 20 लाख से ऊपर | 15% |
इंपोर्टेड/कंपनी | कोई भी कीमत | 20% (फ्लैट रेट) |
कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड या इंपोर्टेड वाहनों के लिए चाहे पेट्रोल हो या डीजल, अब 20% फ्लैट टैक्स लागू रहेगा। इससे कंपनियों के लिए महंगी कारें खरीदना और महंगा हो जाएगा।
CNG और LNG गाड़ियों पर असर
CNG और LNG से चलने वाले सभी वाहनों पर तीनों प्राइस ब्रैकेट्स में 1% का अतिरिक्त टैक्स जोड़ दिया गया है। यानी अब पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाने वाले ये विकल्प भी आपकी जेब पर थोड़ा भारी पड़ेंगे।
गुड्स कैरियर्स और कमर्शियल गाड़ियों पर भी असर
नया नियम सिर्फ पैसेंजर व्हीकल्स तक सीमित नहीं है, बल्कि गुड्स कैरियर्स, जैसे पिकअप ट्रक, टेम्पो, क्रेन, कंप्रेसर, और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट वाहनों पर भी लागू होता है। अब इन वाहनों पर टैक्स उनके ग्रॉस वज़न की जगह उनकी कीमत पर आधारित होगा।
पहले एक ₹10 लाख की पिकअप गाड़ी पर करीब ₹20,000 टैक्स लगता था, लेकिन अब वही टैक्स बढ़कर ₹70,000 हो जाएगा। पुराने सिस्टम में 750 किलोग्राम से 7,500 किलोग्राम तक के गुड्स वाहनों पर ₹8,400 से ₹37,800 तक का वन-टाइम टैक्स लगता था।
EVs को मिली राहत
जहां पेट्रोल, डीजल और CNG वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी, वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए राहत की खबर है। EVs पर टैक्स में अब भी छूट दी जाएगी। पहले राज्य सरकार ने ₹30 लाख से ऊपर के EVs पर 6% टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया।
नतीजा क्या होगा?
इस नई टैक्स पॉलिसी से हाई-एंड कारें और CNG/LNG गाड़ियां खरीदना महंगा हो जाएगा। साथ ही कमर्शियल सेक्टर में भी भारी असर पड़ेगा, क्योंकि वहां पहले से ही ईंधन, मेंटेनेंस और बीमा जैसे खर्चे बढ़ रहे हैं।
अगर आप महाराष्ट्र में कोई नई गाड़ी खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ये बदलाव आपके बजट पर सीधा असर डाल सकते हैं।